नेपाल विमान हादसा: तकनीकी खामियों के कारण एक और त्रासदी
नेपाल, अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, लेकिन दुर्भाग्य से यह देश नेपाल विमान हादसा की घटनाओं के लिए भी सुर्खियों में रहता है। 24 जुलाई की सुबह एक और भयानक विमान हादसा काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुआ। यह हादसा उस समय हुआ जब एक विमान ने पोखरा के लिए उड़ान भरने की तैयारी की थी। हादसे में विमान के पायलट किसी तरह बच गए, लेकिन विमान में सवार 18 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई। ये सभी लोग सौर्य एयरलाइंस के कर्मचारी थे, और यह हादसा हवाई अड्डे पर होने के कारण कैमरे में कैद हो गया।
घटना सुबह 11:10 बजे हुई, जब विमान ने उड़ान भरने के लिए रनवे पर दौड़ना शुरू किया। पोखरा की दूरी लगभग 140 किलोमीटर थी, जिसे 40 मिनट में तय किया जाना था। हालांकि आसमान में कुछ बादल थे, मौसम साफ था। विमान में कोई आम यात्री नहीं था; इसे पोखरा इसलिए ले जाया जा रहा था ताकि इसमें आई कुछ तकनीकी खामियों की जांच और मरम्मत की जा सके।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने विमान को रनवे नंबर 2 पर उड़ान भरने के लिए निर्देशित किया था। विमान धीरे-धीरे रनवे पर दौड़ने लगा। इसे 37 वर्षीय पायलट कप्तान श्री संत्य उड़ा रहे थे। लेकिन जैसे ही विमान ने रनवे छोड़ा, अचानक उसमें तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो गईं। पायलट का विमान पर नियंत्रण समाप्त हो गया और विमान सीधे आगे बढ़ने के बजाय रनवे 20 की तरफ डगमगाते हुए गिर पड़ा।
देखते ही देखते विमान का एक हिस्सा रनवे से टकरा गया। टकराते ही विमान में आग लग गई, और आग का ऐसा भयंकर गोला उठा कि पल भर में सब कुछ समाप्त हो गया। इस हादसे में विमान के सभी 18 कर्मचारियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह दुर्घटना कितनी भीषण थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आग और विस्फोट ने किसी को बचने का मौका नहीं दिया।
यह हादसा तकनीकी खामियों और विमान की पुरानी अवस्था के कारण हुआ। हादसे के बाद सुरक्षा और तकनीकी जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है ताकि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
नेपाल विमान हादसा का यह कोई पहला मामला नहीं है। यहां के जटिल भौगोलिक और मौसमीय परिस्थितियों के कारण विमान हादसों का इतिहास पुराना है। यह हादसा एक बार फिर सुरक्षा उपायों और विमान के तकनीकी रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जब तक सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन नहीं किया जाता, तब तक ऐसी घटनाओं को रोक पाना मुश्किल होगा।
इस हादसे ने एक बार फिर नेपाल में विमानन सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ा दी है। सरकार और विमानन कंपनियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके। विमान हादसा न केवल जान-माल का नुकसान करता है, बल्कि देश की छवि पर भी गहरा असर डालता है। इस घटना ने फिर से यह याद दिला दिया है कि सुरक्षा उपायों और तकनीकी निरीक्षणों को गंभीरता से लेना कितना आवश्यक हैं | और नेपाल विमान हादसा के वजह से आम लोगो में काफी दर का माहौल हैं |